नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते शिक्षा बड़ी बुरी तरह से प्रभावित हुई है।यह महामारी खासतौर पर परीक्षाओं पर बड़ा असर डाल रही है।मसलन, इसके चलते परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं।आलम यह है कि स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के आगे की क्लास में प्रमोट करना पड़ रहा है।वहीं, जहां स्कूलों, कॉलेजों का यह हाल है वहीं विश्वविद्यालयों में भी ऐसी ही कुछ स्थिति है।यहां भी फाइनल ईयर यानि अंतिम ईयर के स्टूडेंट्स को छोड़कर पिछले ईयर के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही आगे के ईयर में प्रमोट किया जा रहा है।वहीं, फाइनल ईयर वाले स्टूडेंट्स भी बिना परीक्षा के ही पास होना चाहते हैं।उनका कहना है कि उन्हें भी बिना परीक्षा के ही पास किया जाए।इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है और याचिका दी है कि कोरोना महामारी को देखते हुए उनके आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर उनका रिजल्ट निकाल दिया जाए।लेकिन इनकी बात बनी नहीं।
दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की और सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि University Grants Commission (UGC) के फाइनल ईयर की परीक्षाओं को कराने का फैसला बिल्कुल सही है।फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को यूं ही बिना परीक्षा के पास नही है किया जा सकता।साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारों को भी बिना परीक्षा छात्रों को पास करने का कोई अधिकार नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करानी जरूरी हैं।हां ये अलग बात है महामारी से पैदा हो रही स्थितियों को देखते हुए परीक्षाओं को टाला जा सकता है लेकिन रद्द नहीं किया जा सकता।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।वह आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महामारी को देखते हुए परीक्षाएं आगे बढ़ा सकते हैं और यूजीसी से सलाह लेेेकरतब परीक्षाओं की तारीख तय कर सकते हैं।
बता दें कि UGC द्वारा 6 जुलाई, 2020 को देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर, 2020 तक पूरा करने से सम्बन्धित सर्कुलर जारी किया गया था।तबसे इसे लेकर विरोध जारी है। देश भर के अलग-अलग संस्थानों के 31 छात्रों ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इन जजों ने की सुनवाई…
सुप्रीम कोर्ट में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ ने की।