नरवाना, 7 अगस्त-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष एवं निर्वाचित सदस्य के. सी. गोयल ने कहा कि हरियाणा राज्य फार्मेसी कौसिंल कार्यालय को निजी दूकान बनाकर फार्मासिस्टो को परेशान किया जा रहा है कि फार्मेसी में सभी डिग्रियां पास करने के बाद भी जब तक राज्य फार्मेसी काउंसिल से registered नहीं करवाया जाता तब तक ना कोई नौकरी मिल सकती और ना ही कोई लाइसेंस जिसके लिए फार्मासिस्ट की सेवा ही जरूरी है । रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार केवल काउंसिल के रजिस्ट्रार को ही है। काउंसिल प्रधान या कोई भी सदस्य इसमें दखल नहीं दे सकता। रजिस्ट्रार की नियुक्ति का अधिकार धारा 26 के तहत केवल काउंसिल को है। सरकार को नही सरकार से अनुमति लेकर ही नियुक्ति की जा सकती है लेकिन सरकार ने अनुमति देने की बजाय खुद अपने चेहते मिस्टर अरुण परासर जो 10 +2 गैर मान्यता बोर्ड से और फार्मेसी में डिप्लोमा उसी 10 +2 के आधार पर कर्नाटका से बगैर किसी ग्रेजुएशन के फार्मेसी में बी फार्मा,M-फार्मा,PHD, करने वालो को रजिस्टर्ड करने करने के रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया गया जिसको माननीय पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस नियुक्ति को अवैध मानते हुए 25/7/19 को रजिस्ट्रार एवं मुक्कम्क्ल स्टाफ की नियुक्ति को रद्द किया लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार धारा 26 के तहत स्थाई रजिस्ट्रार नियुक्त करना अथवा किसी उपयुक्त व्यक्ति को चार्ज नही देना चाहती क्यूंकि सरकार बर्खास्त रजिस्ट्रार मिस्टर अरुण परासर को ही दोबारा रजिस्ट्रार लगाना चाहती है
के सी गोयल ने कहा कि 25/07/2019 माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ ने रजिस्ट्रार एवं काउंसिल कार्यालय में नियुक्त मुकम्मल स्टाफ की नियुक्ति को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया। रजिस्ट्रार के बगैर कार्यालय में कोई भी कार्य नहीं हो सकता इसके बावजूद भी हटाए गए कर्मचारियों का दुरूपयोग करने के लिए 1 साल से बिना किसी कार्य के काउंसिल से तनख्वाह दी जा रही है जो गबन है। इसी प्रकार रजिस्ट्रार के बगैर कोई भी दूसरा व्यक्ति रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकता। इसके बावजूद भी 1230 रजिस्ट्रेशन किए गए और करोड़ों रुपए काउंसिल के खाते से निकाले गए जिसकी जांच फार्मेसी एक्ट की धारा 45/5 के तहत करवाई जाए। गोयल ने कहा कि सरकार से सुझाव है कि उपरोक्त हालात में सरकार को कोई अधिकार नहीं है की रजिस्ट्रार की नियुक्ति करें। उन्होने कहा कि जनहित में रजिस्ट्रार का चार्ज एफ डी ए हरियाणा एवं स्वास्थय विभाग के किसी भी उच्च अधिकारी को दिया जाए जो कौसिल के चुनाव करवाकर कौंसिल का फि र से गठन करने का रास्ता साफ हो और रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जा सके।