नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): केंद्र की मोदी सरकार ने सिम कार्ड के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए कडे कदम उठाए हैं। दरअसल, कंपनियों के नाम पर जारी होने वाले सिम कार्ड के जरिए लगाता फर्जीवाड़े की शिकायतें आ रही थीं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने उक्त फैसला किया है। इसके तहत अब टेलिकॉम कंपनी को किसी भी कंपनी को नया कनेक्शन देने से पहले कंपनी के रजिस्ट्रेशन की भी जांच की जाएगी। यही नहीं हर 6 महीने में कंपनी का वैरिफिकेशन भी किया जाएगा।
की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है। कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के द्वारा कंपनियों के रजिस्ट्रेशन की भी जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि दूरसंचार विभाग ने ग्राहकों के सिम वैरिफिकेशन के नियमों में ढील देने का निर्णय लिया था। इसके तहत टेलिकॉम कंपनियों के ऊपर अब किसी भी छोट गलती के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना अब नहीं लगेगा। बता दें कि सरकार ने ग्राहक वैरिफिकेशन के नियमों को पालन नहीं करने की वजह से टेलिकॉम कंपनियों के ऊपर अबतक 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगा चुकी है।
वैरिफिकेशन के दौरान कंपनी का लॉन्गीट्यूड और लॉटीट्यू़ड की जानकारी को एप्लीकेशन फॉर्म में भरना होगा। यही नहीं कंपनी की ओर से किस कर्मचारी को कनेक्शन दिया गया है उसकी जानकारी भी साझा करनी होगी। जानकारी के मुताबिक नए नियमों को लागू करने के लिए कंपनियों को 3 महीने का समय दिया गया है। नए नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं।