चण्डीगढ, 8 जुलाई- अग्रजन पत्रिका सत्यनारायण गुप्ता- हरियाणा में सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति पर कचरे के शत-प्रतिशत डोर टू डोर कलेक्शन, ढुलाई, प्रसंस्करण और निपटान के लिए एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का विकास सुनिश्चित किया जायेगा।
हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में आज यहां हुई एक बैठक में इस परियोजना की व्यवहार्यता और इसके स्थायित्व को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारणों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 81 शहरी स्थानीय निकायों को 13 कलस्टरों में बांटा गया है ।
बैठक में यह बताया गया कि कलस्टर में विभाजित किये जाने से म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडबल्यू) को घर-घर जा कर एकत्रित किया जा सकेगा। इसके अलावा, म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकेगा।
बैठक में वेस्ट टू एनर्जी फैसिलिटी, वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट, आरडीएफ प्रोसेसिंग फैसिलिटी ,बायो मेंशन फैसिलिटी तथा सैनिटरी लैंडफिल के डिजाइन एवं क्षमता और लीचेट ट्रीटमैंट फैसिलिटी आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के तहत शिकायत निवारण केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव है। यह परियोजना ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 तथा एनजीटी के निर्देशों का पालन करेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.एन. रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद तथा नगर एवं ग्राम योजना और शहरी संपदा विभाग के प्रधान सचिव ए.के. सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्रमांक-2020
सीमा अरोड़ा/सीमा