नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू- ऐसी वस्तुएं आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता हुुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत खेती-किसानी के लिए हुई घोषणाओं पर बुधवार को मुहर लगा दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से कई कृषि उत्पादों को बाहर करने की घोषणा को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिए तीन बड़े निर्णय हुए। साथ ही, देश में निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय हुए और दो निर्णय अलग से भी हुए हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि आवश्यक वस्तु कानून की तलवार ने निवेश को रोका। अब अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू- ऐसी वस्तुएं आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर हो गये हैं। इस प्रकार किसान इनका योजना के अनुसार भंडारण कर सकता है, बिक्री कर सकता है। इससे किसानों को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की ये मांग 50 सालों से थी, जिसको पूरा कर दिया गया।
कैबिनेट के बड़े फैसले
1. पहला, किसान कहीं भी उत्पादन बेच सकेगा और उसे ज्यादा दाम देने वालों को उत्पाद बेचने की आजादी मिली है।
2. दूसरा, वन नेशन, वन मार्केट की दिशा में भारत आगे बढ़ेगा। इसके लिए कानून बनेगा।
3. तीसरा, ज्यादा कीमतों के गारंटी पर एक निर्णय हुआ। अगर कोई निर्यातक है, कोई प्रोसेसर है, कोई दूसरे पदार्थों का उत्पादक है तो उसको कृषि उपज आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा दी गई है। इससे सप्लाइ चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है।
4. चौथा निर्णय हुआ है वाणिज्य और उद्योग जगत के लिए। हर मंत्रालय में प्रॉजेक्ट डिवेलपमेंट सेल बनेगी। इससे भारत निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक और अनुकूल देश बनेगा।
5. पाचवां, कोलकाता पोर्ट को श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को इसकी घोषणा की थी
6. छठा, फार्मोकोपिया कमिशन की स्थापना का निर्णय हुआ है। फार्मोकोपिया कमिशन होम्योपैथी ऐंड इंडियन मेडिसिन होगी। गाजियाबाद में आयुष मंत्रालय के दो लैब्स हैं। इन दोनों लैब्स का भी इसके साथ मर्जर हो रहा है।