नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना संकट के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग, किसानों और रेहड़ी पटरी वाले के बारे में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इसमें मझोले और छोटे उद्योगों के लिए 20 हजार करोड़ के अतिरिक्त कर्ज को मंजूरी दी गई। इससे 2 लाख कारोबारियों को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में लिए गये फैसलों की जानकारी दी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को प्रयाप्त फंड दिया गया है और उन्हें लोन देने के लिए कई योजना बनाई गई है। जावड़ेकर ने कहा कि अब छोटे और मध्यम कारोबार शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई में नई नौकरियां आएंगी।
जावड़ेकर ने कहा कि भारत सरकार ने आज एमएसएमई की परिभाषा को और विस्तार दिया है। सूक्ष्म उद्योगों के लिए सीमा एक करोड़ रुपये का निवेश और पांच करोड़ रुपये का टर्नओवर होगी। 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर वाले उद्योग छोटे उद्योमों के अंतर्गत आएंगे।
वहीं, 20 करोड़ रुपये निवेश और 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले उद्योग मध्यम उद्योगों की श्रेणी में आएंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए इक्विटी स्कीम को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। अब एमएसएमई को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड के लिए सहूलियत मिलेगी। सरकार ने एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है।
जावड़ेकर ने कहा कि आज किसानों के लिए भी बड़े फैसले लिए गए हैं। किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कुल लागत का डेढ़ गुना रखा जाएगा। इसके साथ-साथ 14 फसलों पर लागत का 50 से 83 फीसदी तक ज्यादा दाम मिलेगा। कैबिनेट के फैसले से देश के करोड़ों किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि किसान अब जहां चाहेंगे अपनी फसल बेच सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीबों को लेकर सरकार संवेदनशील है।
तोमर ने कहा कि कृषि ऋण पर ब्याज छूट को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए काफी राहत भरा फैसला है। इस तारीख तक लोन चुकाने पर किसान को 4 फीसदी ब्याज पर ही कर्ज मिलेगा।