चंडीगढ़ , 25 मई । - अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-चण्डीगढ़ के सभी गाँवों में स्थित निजी स्कूलों के संचालकों ने एकजुट होकर रूरल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन ( रेवा ) गठित की थे जो अब विधिवत पंजीकृत जो गई है
रेवा के प्रधान बीवी कपिल ने बताया कि ग्रामीण शिक्षा के लिए विशेष रूप से समर्पित गावों के प्राइवेट स्कूलों का मार्गदर्शन करती है। इसका कार्य गावों के प्राइवेट स्कूलों का उत्थान करना है।
वीबी कपिल ने बताया कि गांवों में आर्थिक तौर से कमजोर वर्ग के लोगों के बच्चे इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं। ये स्कूल नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर कार्य करते हैं। इन स्कूलों के विकास के लिए रेवा यानि रूरल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन दृढ़ संकल्प है। कपिल ने बताया कि इस एसोसिएशन का कार्य शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना है। चंडीगढ़ के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर स्कूल इस एसोसिएशन के सदस्य हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारी दिन- रात अर्थात परिश्रम के द्वारा इन स्कूलों की समस्या का समाधान करने के लिए अग्रसर हैं।
रेवा की सचिव हिमानी शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन के अभूतपूर्व कार्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसने हमेशा प्रशासन और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के बीच अपनी बात को ठोस रूप अर्थात बखूबी से प्रस्तुत किया है। रेवा के उपप्रधान डीएस अरोड़ा ने बताया कि यह एसोसिएशन शिक्षा जैसे पवित्र कार्य के लिए समर्पित है वहीं जरूरत पड़ने पर देश हित की सेवा में भी सलंग्न है।
एसोसिएशन के प्रेस प्रवक्ता डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर सभी स्कूलों का सराहनीय योगदान रहता है। उन्होंने रेवा के पंजीकृत होने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने प्रधान कपिल के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए सभी स्कूल संचालकों का धन्यवाद किया। आयोजित बैठक में वित्त सचिव प्रदीप शर्मा, संयुक्त वित्त सचिव विजय शर्मा, ऑडिटर संजीव जोशी व विजय जिंदल आदि भी उपस्थित थे।