भिवानी/ चरखी दादरी, 12 मई। राम-राम साहब! हमें दादरी और यहां स्टेशन पर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई है..वतन ठीक रहा तो फिर इहीं लौटेंगे। प्रशासन ने हमारा बहुत ख्याल रखा है, जिसे हम कभी नही भुला पाऐंगे।
उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने ट्रेन से विदा हो रहे प्रवासी मजदूर सुनील से वीडियो कॉल पर बात की तो उसके मुख से यही शब्द निकले। श्री पूनिया ने श्रमिक से पूछा कि उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ तो नहीं हुई। सुनील ने बताया कि उनका दादरी प्रशासन ने इतना ध्यान रखा, जैसे वे दादरी जिला में बतौर मेहमान आए हों। इतना प्यार यहां मिला है कि महामारी का खात्मा होते ही उनकी फिर से दादरी वापसी होगी। श्री पूनिया ने अपनी तरफ से आज गए 1440 मजदूरों को अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामना देते हुए उनको दादरी से विदा किया। उपायुक्त ने श्रमिक सुनील से वीडियो कॉल पर उन्हें खाना व पानी उपलब्ध होनेकी बात भी पूछी और कहा कि सभी श्रमिक अपना ख्याल रखें। साथ ही अपने घर पर पहुंचकर भी सावधानी से काम लें। परिवार सहित अपने घर में ही रहें और कोरोना के फैलाव को रोकने में मदद करें।
आज सुबह पांच बजे दादरी एसएसीआर स्कूल से 40 बसों में बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले श्रमिक एवं उनके परिजन भिवानी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए। परिवहन महाप्रबंधक धनराज कुंडू ने इन बसों को सेनेटाइज करवा कर स्कूल परिसर में भिजवाया। सुबह नाश्ता करवाकर और लंच पैक करके इन्हें रवाना किया गया।यहीं से ही सभी श्रमिकों के स्वाथ्य की जांच की गई और पुरी प्रक्रिया के दौरान याारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया। भिवानी स्टेशन पर पहुंचे के बाद भी श्रमिकों का मेडिकल चैकअप किया गया और एक-एक करके श्रमिकों को उनके निर्धाति स्थानों पर रेल में बैठाया गया। स्टेशन पर प्रशासन के सहित गोपाल होटल के परिवार के सदस्यों ने श्रमिकों को चाय व पानी भी उपलब्ध करवाया।
अतिरिक्त उपायुक्त मो. इमरान रजा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बिहार प्रदेश के आज दादरी से जो श्रमिक परिवार रवाना हुए हैं उनमें अरहरिया जिला के 393, कटिहार के 86, किशनगंज के सात, मधेपुरा के 195, पूर्णिया के 384, सहरसा के 335 और सुपोल जिला के 144 निवासी शामिल थे। इसके अलावा दादरी एससीआर स्कूल से रात को 30 श्रमिक जम्मू के लिए हरियाणा रोडवेज की बस में भेजे गए हैं। बसों और रेलगाड़ी में शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया। इन मजदूरों को प्रशासन की ओर से परना और मास्क दिए गए। ट्रेन को सेनेटाइज करवा कर ही उन्हें 24 डिब्बों में बैठाया गया।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि श्रमिकों के जाने से हालांकि आर्थिक तौर पर किसी भी क्षेत्र को नुकसान होगा। लेकिन समय की जरूरत, कोरोना बिमारी से बचाव सहित श्रमिकों की ईच्छा पर उन्हें गृह जिलों में भेजना जरूरी है। दादरी जिला प्रशासन ने श्रमिकों को इसी उम्मीद के साथ विदा किया है कि जल्द से जल्द हालात ठीक हों और ये श्रमिक जिला में वापिस आएं। उन्होंने बताया कि यह टे्रन कल सुबह आठ बजे बिहार के किशनगंज पहुंचेगी और वहां से श्रमिको को इनके घर भेजा जाएगा। ये श्रमिक हमारे जिला के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। इसीलिए उनके दोबारा आने की कामना में सभी अधिकारियों ने कल तरह आज भी पुष्प वर्षा कर ट्रेन को प्लेटफार्म से रवाना किया।
जिला पूर्णिया निवासी राजेंद्र कुमार का कहना था कि दादरी में उनका पौष्टिïक भोजन दिया गया और उसके बाद नि:शुल्क अपने घर भेजा जा रहा है। वे दादरी प्रशासन के अधिकारियों को सदा याद रखेंगे। कटिहार जिला निवासी मुन्ना शर्मा ने बताया कि वे लोग यहां सरसों की कटाई करने आए हुए थे। अब इस महामारी के आने से उनका जाना मजबूरी हो गया है। श्रमिक संजोनी कुमारी ने बताया कि उनके साथ प्रशासन का बहुत ही अच्छा व्यवहार रहा। उन्हें और उनके बच्चों को चाय-दूध, बिस्कुट आदि पूरा सामान दिया गया है। अरहरिया जिला निवासी राजऋषि देव का कहना है कि उन्हें यह सफर जीवनभर याद रहेगा। हरियाणा में दादरी जिला की यह मेहमाननवाजी सदा स्मरणीय रहेगी।
रेलवे प्लेटफार्म पर भी सफाई व सेनेटाइजेशन कर श्रमिकों को हैल्थ चेकअप के बाद यहां लाया गया। स्टेशन पर एसडीएम बाढड़ा प्रीतपाल ङ्क्षसह, जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक डॉ. साहबराम गोदारा, उप पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, नगर परिषद के अभियंता सुंदर श्योराण, स्टेशन अधीक्षक जीके गुप्ता, रेलवे मंडल कमांडेंट के पटेल, रेलवे इंस्पेक्टर ऊषा निरंकारी, राकेश श्योराण व सौहार्द शर्मा सहित दादरी जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।