चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका के लिए सत्यनारायण गुप्ता-चंडीगढ़ प्रशासन लाकडाऊन खोलने की सम्भावित स्थित के लिए विस्तृत योजना पर विचार कर रहा है। चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर इस योजना पर केन्द्र से विचार कर अंतिम निर्णय लेगें।
इस प्लान को लागू करने की डेट तय की जाएगी। प्रशासक के सलाहकार मनोज परीदा ने इस संबंध में ट्विटर पर जानकारी दी। लोगों द्वारा की जा रही इंक्वायरी का वह जवाब दे रहे थे। अगर लॉक डाउन बढ़ाया नहीं जाता है तो अनलॉकिंग प्लान के अंदर क्या-क्या छूट शहरवासियों, व्यापारियों व अन्य सभी वर्ग के लोगों को दी जा सकती है। बता दें कि
14 अप्रैल को केंद्र द्वारा लगाए गए लॉक डाउन की अवधि भी समाप्त होने जा रही है। यही कारण है कि प्रशासन ने इस संबन्ध में पहले से प्लान तैयार कर लिया है ताकि बाद में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
----
चंडीगढ़ प्रशासन सब्जी मंडी की भांति चंडीगढ़ की सीमाओं पर बाहर से आने वालों की स्क्रीनिंग, थर्मल स्कैनिंग व सेनेटाईजिंग सुरंगे भी स्थापित करने पर विचार कर रहा है।
-------------
चंडीगढ़ प्रशासन के एक वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि प्रशासन सबसे पहले पंजाब, हरियाणा व हिमाचल से लगने वाली सीमाओं को सील करने पर विचार कर रहा है। शहर के सात लगते मोहाली में कोरोना वायरस से संक्रिमित लोगों की संख्या में हो रही वृद्धि व पंजाब द्वारा चंडीगढ़ के साथ लगते गांवों को सील करने के चलते प्रशासन को सतर्कता से काम लेना पड़ रहा है। प्रशासन का मानना है कि चंडीगढ़ से सटे मोहाली के गाँव इस तरह से हैं कि अगर आवाजाही नहीं रोकी गई तो क्लस्टर प्रभावित होंगे। यहां के गांवों में 10-10 लोग एक घर में रह रहे हैं और अगर एक व्यक्ति इसे पड़ोसी गांव से लाता है तो पूरा परिवार प्रभावित हो जाएगा और इससे समुदाय फैल जाएगा।
-
प्रशासन के एक अन्य अधिकारी का कहना था कि चंडीगढ़ में पिछले कुछ दिनो से कोरोना का एक बी मरीज़ नहीं आया है फिर भी प्रशासन साथ लगते मोहाली में मरीज़ों की बढ़ती संख्या व आज पंचकूला व उसके आसपास कोरोना के मरीज़ मिलने से कर्फ्यू का विस्तार करने पर विचार करेगा।
अधिकारी का कहना था कि चंडीगढ़ का अपना उत्पादन नहीं है, चाहे वह दूध हो या सब्जियाँ। यह ज्यादातर पंजाब से आती है । अगर इनके लिए हम सीमाएं खोलते हैं, तो अत्यधिक खतरा हो सकता है। अतः प्रस्तावित योजना के तहत चंडीगढ़ की सीमाओं तक पड़ोसी राज्यों से होने वाली आमद को शङर में पहुंचाने के लिए सरकारी वाहनो का प्रयोग किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त प्रशासन कोरोना वायरस के हल्के, मध्यम और गंभीर मामलों के लिए तीन प्रकार के अस्पताल भी स्थापित करने पर विचार कर रहा है। अब तक पीजीआई में एक कोविड अस्पताल - नेहरू भवन में है, जिसे सभी रोगियों के लिए अस्पताल बनाया गया है।
नई प्रबंधन योजना के तहत तीन स्थानों को लोगों के विशिष्ट लक्षणों को पूरा करने वाले तीन अस्पतालों में परिवर्तित किया जाएगा। यह विशिष्ट प्रकार की देखभाल प्रदान करने में मदद करेगा जो प्रत्येक अस्पताल में आवश्यक है। तदनुसार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।
----------
सलाहकार मनोज परिदा ने कहा कि कोविड प्रबंधन योजना में तीन अस्पतालों और सीमाओं की सीलिंग के अलावा दवा उपकरणों की आपूर्ति लाइन को बनाए रखने और आवश्यक वस्तुओं और दूध और सब्जियों के रखरखाव को बनाए रखा जाएगा।
कोविड कार्य योजना के तहत कोविड मरने वालों का प्रोटोकाल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। शव को ले जाने वाली सभी एम्बुलेंसों को दाह संस्कार के बाद अच्छी तरह से साफ किया जाएगा।
योजना में रोटेशन के आधार पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के आराम की भी व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़ में फंसे मजदूरों के लिए आश्रय गृहों का प्रावधान किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो आश्रय गृहों की संख्या बढ़ाई जाएगी।आश्रय गृहों में पके हुए भोजन के पैकेट, मास्क और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी।मोबाइल एटीएम वैन के प्रावधान को प्रत्येक क्षेत्र में सेक्टर में उपलब्ध कराया जायेगा।
संभावना है कि शहर में लाकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि फिलहाल कोई ही अब कर्फ्यू को हटाने का जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं है। अफसरों ने कहा कि अगर मोहाली में भी कम संख्या रहती तो हालात अलग होते।