पंचकूला 9 अप्रैल- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- कोरोना संक्रमण के चलते जिला में चल रहे रहे लाॅकडाउन के दौरान जरूरतमंद, गरीब, दिहाड़ीदार व्यक्तियों को भोजना उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति के यदि कोई व्यक्ति या संस्थान ऐसे लोगों को भोजन एवं अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री वितरित करते पाया जाता है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लाई जाएगीं।
उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने उन्हें उपमण्डल में नोडल अधिकारी बनाकर भोजन व राशन वितरण करने की जिम्मेवारी सौंपी है। इसलिए भोजन एवं सूखा राशन वितरित करने वाले प्रत्येक व्यक्ति, संस्था व संगठन को प्रशासन से सहमति लेना अनिवार्य है ताकि कोई जरूरतमंद व गरीब व्यक्ति राशन व भोजन से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि कुछ व्यक्ति एवं संस्थाए छोटे से दायरे में कुछ लोगों तक भोजन व राशन बांटकर चले जाते हैं जिससे उस क्षेत्र के बाकी लोग राशन व भोजन से वंचित रह जाते हैं और प्रशासन को उनका सही पता नहीं चल पाता।
एसडीएम पंचकूला धीरज चहल ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा ऐसे जरूरतमंद, गरीब, मजदूर, दिहाड़ीदार, झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लगभग 19600 परिवारों के 52200 से अधिक लोगों की पहचान कर भोजन एवं सूखा राशन वितरित किया जा रहा है। इसके लिए स्वंय सेवी संस्थाओं एवं संगठनों व सामजिक व्यक्तियों का भरपूर सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए वे बधाई के पात्र है। सामाजिक संगठनों, संस्थाओं एवं व्यक्तियों को जिला का कुछ ऐरिया देकर जिम्मेवारी भी सोंपी गई है। जिला प्रशासन के अनुसार यदि संस्थाए भोजन व राशन वितरित करना सुनिश्चित करेंगी तो हर जरूरतमंद व्यक्ति राशन व भोजना की पहंच होगी और कोई भी व्यक्ति बिना भोजन के नही रहेगा।