पंचकूला ।- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- दीप हमारी ऊर्जा और संकल्प का प्रतीक है। उसे सामूहिक रूप से प्रकट करने का आवाहन कर प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्र को कोरोना के ख़िलाफ़ युद्ध में एकजुट करने की अनूठी पहल की है। आज हरियाणा ग्रन्थ अकादमी व ग्रामोदय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तमसो मा ज्योतिर्गमय ऑनलाइन कवि सम्मलेन की अध्यक्षता करते हुए अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने ये टिप्पणी की ।
दीप दान व तमसो मा ज्योतिर्गमय विषय पर आयोजित ऑनलाइन काव्य में ट्राइसिटी के इलावा देश प्रदेश के अनेक जाने-माने कवि और कवित्री यों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया सभी ने कोरोना महामारी से बचने हेतु अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से सभी को जागरूक किया है आज सभी में दीपदान के लिए उत्साहवर्धन के साथ-साथ अंधेरे से उजाले की ओर प्रकाश पर्व का महत्व भी अपनी रचनाओं के माध्यम से सभी को बताया और पुलिस और प्रशासन को सहयोग देने के साथ-साथ सभी को यही संदेश दिया कि घर पर ही रहे सभी निर्देशों का पालन करें और अपनी अपनी कविताओं के माध्यम से सभी वे तमाम जानकारियां दी कि किस तरह से हम कोरोना महामारी से बच सकते हैं और सभी को यह संदेश दिया है कि आज आप शाम 9:00 बजे अपने घर पर रहकर दीया, मोमबत्ती टॉर्च या मोबाइल की लाइट जरूर जलाएं और सभी ने देशहित में भाईचारे की भावना को बढ़ाने की प्रार्थना करते हुए सभी को एकमत हो। रचना पाठ करने वाले कवि व कवित्रयों के नाम इस तरह से हैं
प्रतिभा माही, नीलम त्रिखा, सविता गर्ग, शीला गहलावत, भरत भूषण वर्मा, राशि श्रीवास्तव ,शिवाजी अग्रवाल, सुनीता राणा ,रेनू गुलाटी ,डॉक्टर किरण जैन, मंजीत कौर ,अरुणा ,रजनी राणा शिवानी दीक्षित, रेणुका चुघ, एकता डांग मनीषा भसीन मधु कैथल आदि अनेक कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाकर देश प्रेम व एकता का परिचय दिया है सभी को दीपदान करने के लिए जागरूक करते हुए सभी देशवासियों का उत्साह वर्धन किया है
डॉ. चौहान ने कविता के माध्यम से दीप जलाने हेतु सभी का आह्वान किया
चल साथी इक दीप जला
देश के सुर में ताल मिला
संकल्पों के दीप जला
सद्भावों के दीप जला
टल जाएँगी सभी बला
सबका इसमें मीत भला
करनाल से भरत भूषण वर्मा जी ने अपनी कविता
निशा का हो अवसान , आओ करे दीपदान ।
मोदी जी का फरमान ,दीपक जलाइए ।।
'भूषण' लगाएं ध्यान ,विनती ये भगवान ।
करते हैं दीपदान , बीमारी भगाइए ।।
अंबाला से शिवा अग्रवाल ने
दीप-प्रकाश प्रतीक है आशा और विश्वास का
इंतजार ,इजहार और प्यार का
नीलम त्रिखा ने अपनी कविता
आओ मिलकर दीप जलाएं
वैश्विक महामारी कोरोना से सब को बचाएं
वैर विरोध सब भूलकर
अब सब एकमत हो जाएं...
प्रतिभा माही जी ने अपनी कविता
मैं तो तेरा ज्योतिर्पुंज हूँ , तुझ में समाने आई हूँ
डूब के तुझ में बह जाऊँ मैं , आज नहाने आई हूँ
वही सविता गर्ग जी ने अपनी कविता हरियाणवी में सुनाई
सब मिलकर दिवे चास दियो ..
इस धरती ना प्रकाश दियो..
सुनीता राणा
चीन हो या जापान ,पाकिस्तान हो या हिंदुस्तान,
सबकी खुशियों के लिए करती हूं मै दीपदान।
सविता गर्ग "सावी"
सब मिलके दीवे चास दियो
इस धरती नै प्रकाश दियो
अंधेरे मैं जिनके जीवन
उन तै थोड़ी आस दियो।
मनजीत कौर
आओ सभी एक दीपक जलाएँ,
प्यार का उल्लास का,विश्वास का।
सारे विश्व में सुख ओर शान्ति हो
इस आस का।
शिवानी दीक्षित" शिवी"
आज है जग में सबके घर के बाहर झिलमिल प्रकाश...
मन में यही भावना है बस अच्छा रहे हमारा यह प्रयास..
एक दीप हम आज जलाएं भारतवर्ष की शान में ...
एक दीप देहरी पर जलाएं अपने देश की आन में...
रेणुका चुघ मिढ्ढा
#एक दिया ऐसा जलाये
आओ मिलकर दीप जलाएं ,
इस प्रकाश पुंज की आभा से ,
तम असुर को कर छिन्न-भिन्न ,
महामारी के राक्षस को अब ,
ज्योति से कर दे , परिछिन्न ।
रेणुका चुघ मिढ्ढा (चण्डीगढ़)
डॉ. शिवा अग्रवाल
दीप-प्रकाश प्रतीक है आशा और विश्वास का
इंतजार ,इजहार और प्यार का