चंडीगढ़ - अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-देश को करोना कोहराम से बचाने के लिए सामाजिक संस्था राह ग्रुप फाउंडेशन के 11 पदाधिकारियों व सदस्यों ने वायरस के इंटी डोज के लिए बनने वाले दवा के क्लीनिकल ट्रायल के लिए अपना शरीर देने की घोषणा की है। यह देश की पहली ऐसी समाजसेवी संस्था है। जिसके पदाधिकारियों व सदस्यों ने स्वेच्छा से अपने शरीरों को कोरोना दवाई के प्रैक्टिकल के लिए देने की घोषणा की है। यह जानकारी देते हुए राह ग्रुप फाउंडेशन के प्रवक्ता ने बताया कि करोना वायरस दवा प्रशिक्षण के लिए अपना शरीर दान देने की घोषणा करने वालों में राह ग्रुप फाउंडेशन के नेशनल चेयरमैन नरेश सेलपाड़, वाईस चेयरमैन सुरेश क्रांतिकारी, राष्ट्रीय सलाहकार सुदेश चहल पूनियां, राष्ट्रीय सलाहकार विकास गोदारा, पर्वतारोही मनीषा पायल, सेल्फ डिफेंस प्रभारी निरज वर्मा, राह क्लब हिसार के अध्यक्ष रामअवतार वर्मा, राह क्लब सिवानी के अध्यक्ष रमेश कोठारी, राह क्लब हरियाणा के ईवेंट प्रभारी नवल सिंह टोहाना, राह क्लब नरवाना के अध्यक्ष प्रवीन गोयल व नरवाना से सविता गोयल व बरवाला की महिला अध्यक्ष रिया घिराय ने कोरोना के क्लीनिक्ल ट्रायल के लिए अपना शरीर देने की घोषणा की है। ध्यान हो कि जब किसी ऐसे वायरस से निपटने के लिए मानव शरीर का इस्तेमाल किया जाता हैं । तब प्रैक्टिकल के लिए किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर की आवश्यकता पडती हैं । इस स्वस्थ शरीर को पहले वायरस से इन्फेक्टेड किया जाता हैं उसके बाद दवाई निर्माण की तमाम सम्भावनाओं पर रिसर्च होती है। इस दौरान यदि भगवान न करें अगर प्रयोग सफल नही होता हैं और दवाई नही बन पाती हैं तो ऐसे में अपना शरीर प्रैक्टिकल में देने वाले व्यक्ति की मौत भी हो सकती हैं।
राह ग्रुप फाउंडेशन के राष्ट्रीय चयरमैन नरेश सेलपाड़ के अनुसार उनका संगठन सदैव ही राष्ट्र व समाज हित में कार्य करता रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस के कहर से देश के बचाने के लिए उनकी संंस्था तन, मन व धन से सहयोग कर रही है। ऐसे में यदि उनका या उनके किसी साथी का शरीर करोना एंडी डोज ट्रायल में काम आ जाए तो इससे बढक़र उनके लिए सौभाज्य की बात क्या होगी।
11 में चार महिलाएं -
आमतौर पर जहां महिलाएं ऐसे मामलों से दूर रहती है, वहीं राह ग्रुप फाउंडेशन से जुड़ी चार महिलाओं ने भी क्लीनिक्ल ट्रायल के लिए अपना शरीर उपलब्ध करवाने की घोषणा की है। इनमें जहां एक शिक्षिका है, वहीं एक पर्वतारोही तो दो समाजसेविकाएं शामिल हैं। वैसे भी यह बड़ी बात है कि राह संस्था में पुरुषों के समान्तर प्रत्येक ब्लॉक व जिले में महिला अध्यक्ष का अलग से पद सृजित किया गया है।