पंचकूला मे जिस प्रकार से हर रोज खाना बांटते हुए सोशल डिसटेंसिंग और समूह और भीड़ सी इकट्ठी की जा रही है शायद लोगों को पता नहीं है या प्रशासन को पता नहीं क्यों होने दिया जा रहा है।
दुसरा पंचकूला मे आमजन का पहले की ही तरह गलियों मे सैर करते रहना और चार पहिये और दो पहिए वाहनों का घुमते रहना देख कर कुछ पता नहीं चल पा रहा है कि हमारी समझने मे फरक है कि इस महामारी को ले कर एक एक नागरिक को हर आर्डर को पालन करना ही नहीं चाहिए पर पालन करना ही होगा।
अब इस महामारी की घड़ी मे समय है देश के साथ और देश के लोगों के साथ सही भक्ति करने वालों और सही भक्तों का पता चलेगा।
कुछ बांटने के लिए हम कहीं बहुत बड़ा खतरा तो नहीं खड़ा करने मे भागीदार बन रहे।
पंचकूला विकास मंच