रायपुररानी। - अग्रजन पत्रिका से रितू अग्रवाल -
जिला पंचकूला के ब्लाक रायपुररानी के गांव रैहणा से लगभग चार महीने मुंबई महाराष्ट्र में आयोजित मुस्लिम जमात यात्रा कार्यक्रम में गए नौ लोगों की दो दिन पहले गांव में वापसी होने की गुप्त सूचना मिलने पर पूरे प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस व रायपुररानी अस्पताल से एसएमओ संजीव गोयल ने इमरजेंसी टीम को भेज सभी लोगों की थर्मोस्कैनर मशीन से जांच कर नाडा साहिब स्थित क्वारंटीन सैंटर में शिफ्ट करवाया। गौरतलब है कि विश्व व्यापी कोरोना महामारी के चलते पूरे देश की लगभग सभी सीमाओं पर पुलिस का पहरा होने के कारण पूर्ण रूप से सील किया हुआ है उसके बावजूद भी सभी ग्रामीण बिना किसी मेडिकल चेकअप के गांव रैहणा में कैसे पहुंच गए।
-- सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गांव रैहणा निवासी जमील खान, कामिल मोहम्मद, ईरशाद, रजाक मोहम्मद, ईशरान, मुनीर, नवाब, सुक्खा उर्फ इस्माइल व अकरम 1 दिसंबर को गांव रैहणा से गए थे व 22 मार्च को ट्रेन से अंबाला पहुंचे जिसके बाद नारायणगढ़ क्षेत्र के गांव राऊमाजरा व वासलपुर में रूके रहे। वहीं बिना कोई जानकारी दिए 29 मार्च की रात को गांव रैहणा में पहुंचे लेकिन स्थानीय पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक किसी को कोई सूचना नही दी गई व इतने भयंकर वायरस के प्रकोप के चलते किसी भी व्यक्ति को कोई मेडिकल चेकअप भी नही करवाया गया। गांव के सरपंच आलमगीर ने बताया कि जमात से आए सभी लोगों को ग्रुप की बजाय अलग-अलग रहने बारे बता दिया गया था।
------- महाराष्ट्र क्षेत्र से लगभग चार माह बाद प्रशासन को बिना जानकारी दिए गांव में पहुंचने की सूचना मिलने पर प्रशासन के अलावा क्षेत्रवासियों में भी भय का माहौल बढ गया व पुलिस के नाके पर भी सवाल खडे हो गए। रायपुररानी अस्पताल के एसएमओ संजीव गोयल ने बताया कि सभी नौ लोगों की प्राथमिकी जांच अनुसार अभी तक किसी बीमारी के लक्ष्ण नही पाए गए बाकि सभी को 14 दिन के लिए नाडा साहिब क्वारंटीन सैंटर में शिफ्ट कर दिया गया।