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लॉकडाउन में चोरी-छिपे जमा थी लंबे समय से मौलानाओें की भीड़ -अब भी बिल्डिंग में जमा 300 लोग, ड्रोन से पुलिस कर रही निगरानी

March 31, 2020 09:57 PM
नई दिल्ली - -कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान एक ओर जहां करोड़ों देशवासी भारी परेशानियां झेलते हुए कानून का पालन कर रहे हैं। दूसरी ओर कुछ लोग भारत के कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाने में जुटे हैं। निजामुद्दीन के मरकज भवन लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाए जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां से 860 लोगों को अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। 300 लोगां को शिफ्ट किया जाना अभी बाकी है। इनमें से ज्यादातर के कोरोना से ग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही है। लोगों के असहयोग की स्थिति यह है कि पुलिस को निगरानी के लिए यहां ड्रोन की मदद लेनी पड़ रही है।
बता दें कि दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 25 नए मरीज सामने आए हैं। इनमें स 18 कोरोना पीड़ित निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले लोग हैं। जबकि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 1 हजार 251 तक पहुंच गई है। इनमें से 102 लोग ठीक हो गए हैं। वहीं मरनेवालों की संख्या 32 हो गई है। देश में सोमवार को कोरोना के 217 मामले सामने आए।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज बिल्डिंग में मौजूद लोगों में से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने खुद दी है। उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार से अब तक यहां से 300 लोगों को अस्पताल में शिफ्ट कराया गया है। वहीं करीब 800 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। सतेंद्र जैन ने यह भी कहा कि जिस समय देश में लॉकडाउन चल रहा था, ऐसे समय में इस भवन में इस तरह की गतिविधियां करना अपराध है, और यहां यह अपराध किया गया है।
बताया जा रहा है कि मरकज बिल्डिंग में करीब दो हजार लोग मौजूद थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई की। पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। खास बात यह है कि यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। देश में 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसके बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 200 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत है।
मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज
तब्लीगी जमात के मरकज से अब तक 1200 लोगों को निकाला गया है। दिल्ली सरकार ने पुलिस को मरकज के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। निजामुद्दीन के पूरे इलाके से इस मरकज की इमारत को अलग-थलग कर दिया गया है। विशेष बात है कि देर रात तेलंगाना सरकार ने बताया है कि इस आयोजन में शामिल होने वाले 6 लोगों की मौत हो गई है।
इसलाम के प्रचार का बड़ा केंद्र मरकज
दिल्ली के निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां कई देशों के लोग खास तौर पर मोलाना आते रहते हैं। 1 से 15 मार्च के बीच देश-विदेश के हजारों मौलाना यहां इकट्ठे हुए थे। इस कार्यक्रम में कई ऐसे देशों के मौलाना आए थे, जहां कोरोना पहले से ही फैला हुआ है। लेकिन आयोजकों ने यह बात दिल्ली पुलिस और प्रशासन से छिपाई थी। बता दें कि मरकज से कुछ ही दूरी पर सूफी संत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह है।
यूपी, बिहार, झारखंड, कश्मीर और तेलंगाना चपेट में
1 से 15 मार्च के बीच देशभर के मौलाना विदेशी मौलानाओं के साथ मरकज में इकट्ठे हुए थे। कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात ज्यादातर मौलवी और मौलाना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, कश्मीर, तेलंगाना और दूसरे राज्यों को चले गए। लेकिन करीब 2 हजार लोग मरकज में ही जमे रहे। कोरोना संक्रमण की बात सामने आने के बाद अब इन राज्यों में इन मौलानाओं के संपर्क में आने वाले लोग कोरोना की जद में आ गए हैं। जानकारी सामने आने के बाद राज्य सरकारों ने ऐसे लोगां को खुद सामने आने की अपील की है।
उपराज्यपाल से कड़ी कार्रवाई की मांग
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने दिल्ली के उपराज्यपाल से मांग की है कि तबलीगी जमात में कार्यक्रम आयोजित कर कानून तोड़ा गया है। इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।इस कार्यक्रमें भारत के 19 राज्यों के मौलानाओं ने भागीदारी की थी। कोरोना के मामले सामने आने के बाद भी शुरू में स्वास्थ्य व सुरक्षा एजेंसियों के लोगों को मरकज की बिल्डिंग में घुसने नहीं दिया गया। बता दें कि तबलीगी जमात की ओर से भीड़ में शामिल लोगों के कोरोना टैस्ट से भी मना कर दिया था।
वीजा नियमों की अनदेखी पर गृहमंत्रालय करेगा कार्रवाई
तबलीगी जमात की वजह से केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरा देश कोरोना की चपेट में आ गया है। मजमे में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड सहित कई देशों से आए विदेशी मौलानाओं ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। अब गृह मंत्रालय ने भारतीय कानून के मुताबिक ऐसे विदेशी मौलानाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
फेल रही पुलिस व्यवस्था
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी, दूसरी ओर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया था। लेकिन दिल्ली पुलिस का सूचनातंत्र पूरी तरह से फेल रहा। तबलीगी जमात की बिल्डिंग में भारी संख्या में लोग इकट्ठे रहे। तबलीगी जमात ने धारा 144 का भी उल्लंघन किया। इसके साथ ही लोगों का कोरोना टैस्ट कराने से भी मना कर दिया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने तब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जब तक कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले 6 लोगों की तेलंगाना से मरने की सूचना नहीं आ गई।
साजिश के तहत बीमारी फैलाने की कोशिश
दिल्ली में एक धर्म विशेष से जुड़ी बिल्डिंग में लॉकडाउन से जुड़े कानून और भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। बताया जा रहा है कि सोमवार को इस बिल्डिंग में कई बार एंबुलेंस भेजी गई थी। लेकिन यहां मौजूद लोगों ने उन एंबुलेंस को लौटा दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अपनी कार्रवाई की। आरोप है कि एक कानून तोड़कर इतने लोगों को एक ही जगह पर इकट्ठा करके और इसके बाद उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भेजकर कोरोना को तेजी से फैलाने की साजिश रची गई थी।
60 साल से ऊपर के हैं ज्यादातर लोग
कार्यक्रम में शिरकत करने आए ज्यादातर मौलाना अपने देशों को वापस लौट गए हैं। जो दूसरे राज्यों से आए थे, उनमें से भी ज्यादातर मौलाना वापस लौट गए हैं। पुलिस के मुताबिक लॉकडाउन से पहले ही यहां से भीड़ हटाने के लिए कोशिशें की गई थीं। लेकिन तब्लीगी मरकज में जमा लोगों ने बात नहीं सुनी थी। यहां रहने वाले लोगों में ज्यादातर लोगों की उम्र 60 साल से ऊपर है।
 
 
 
 
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