चंडीगढ़, 31 मार्च :- अग्रजन पत्रिका से सत्यनारायण गुप्ता- कोरोनावायरस संक्रमण हार्ट में मायोकार्डिटिस का कारण बन सकता है जो एक इन्फ़्लमेशन है और घातक है। हालांकि ज्यादातर यह फेफड़ों को प्रभावित करता है और निमोनिया का कारण बनता है, लेकिन बहुत सारे मामले अब सामने आए हैं जहां इसने हार्ट को घातक रूप से प्रभावित किया है।
डॉ.वीरेंद्र सरवाल, ओजस हॉस्पिटल में डायरेक्टर-कार्डियोथोरेसिस व वैस्कुलर ने मंगलवार को जानकारी दी कि वुहान विश्वविद्यालय के झोंगनान अस्पताल में डॉ झीबिंग लू की अगुवाई में एक अध्ययन में पाया गया है कि 20 प्रतिशत मरीजों कोरोनोवायरस के कारण होने वाली बीमारी, कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती हुए, जिनमे हार्ट की क्षति के कुछ सबूत थे।
कई को हार्ट की बीमारी नहीं थी। लेकिन उन्हें इलिवेटिड ट्रोपोनिन लेवॅल के साथ असामान्य इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम था जो कभी-कभी दिल के दौरे के रोगियों में देखे जाते है।
ऐसे मरीजों में दिल के दौरे में एक सामान्य मरीज की तुलना में मृत्यु का जोखिम 4 गुना अधिक है और आश्चर्यजनक रूप से अधिकांश रोगियों में हार्ट रोग का इतिहास नहीं होता। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि संक्रमण के बाद हार्ट की क्षति क्या हो सकती है, डॉ सरवाल ने बताया।
उन्होंने कहा कि मायोकार्डिटिस वायरस के कारण या वायरस के प्रति शरीर की इम्यूनिटी और इन्फ़्लेमटॉरी रीस्पॉन्स के कारण हो सकता है।
यह संभव है, लेकिन अभी तक स्थापित नहीं किया गया है कि मायोकार्डिटिस एक इम्यूनिटी सिस्टम से उत्पन्न होता है जो कोरोनोवायरस को वापस करने की कोशिश करते हुए नियंत्रण से बाहर निकलता है व साइटोकिन्स नामक रसायनों के ऐसे अत्यधिक स्तर को बाहर निकालता है जो इन्फ़्लमेशन पैदा करते हैं जो फेफड़ों और हृदय को समान रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।
वायरस के कारण होने वाला बुखार शरीर के मेटाबोलिज्म और हार्ट पम्पिंग क्रिया को बढ़ाता है। इसका परिणाम यह होता है कि मरीज के हार्ट को ऑक्सीजन की बढ़ी हुई मांग के कारण ज्यादा पम्पिंग करनी पड़ती है, जिसके कारण हार्ट को नुकसान हो सकता है।
डॉक्टर इस संभावना से इंकार नहीं कर सकते हैं कि कोरोनोवायरस सीधे हार्ट को नुकसान पहुंचाता है। इन रोगियों के दिल की इन्फ़्लमेशन के कारण हार्ट रिदॅम समस्याएं भी घातक साबित हो सकतीे हैं।