चंडीगढ़, 29 मार्च। करीब 10 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों और 10 हजार स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मियों सहित कई सरकारी विभागों में ठेका कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नही मिल रहा है। कोरोना वायरस की महामारी मे 21 दिन का लाकडाउन होने से अब दुकानदारों ने भी इन्हें उधार देना भी बन्द कर दिया है। जिसके कारण ठेका कर्मचारी व उनके परिजन भी भूखमरी के कागार पर पहुंच रहे है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने पत्र लिखकर सरकार से तुरंत प्रभाव से सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, नगर पालिकाओं,परिषदों व विश्वविद्यालय में तैनात सभी ठेका व पार्ट टाइम कर्मचारियों को बकाया वेतन देने की मांग की है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि विकास एवं पंचायत विभाग के अंतर्गत लगे दस हजार से ज्यादा ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इतना ही नहीं सीटू से संबंधित ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा ने बताया कि उन्हें कोरोना वायरस महामारी मे दस्ताने, सैनिटाइजर, मास्क व साबुन भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 17 नगरपालिका व परिषदों के ठेका व रेगुलर सफाई कर्मचारियों को 2 से 6 महीने से वेतन नही मिला है। ठेकेदारों के मार्फत लगे सफाई कर्मचारियों को भी कई कई महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि आरोही स्कूलों मे ठेके पर लगे 288 सिक्योरिटी गार्ड, माली,सफाई कर्मचारी व चपड़सी को भी 4 महीने से वेतन नहीं मिल रहा। संघ नेताओं ने बताया कि हरियाणा टूरि’म निगम के
मैगपाई, डबचिक होडल, बड़खल, शमा गुड़गांव, सुलतानपुर,स्काईलार्क पानीपत-आएसिस, कर्ण लेक करनाल, अम्बाला,मैना रोहतक मे दो महीने से रेगुलर कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।
वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि अपनी जान की परवाह न करते हुये कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग मे लगे ठेका कर्मचारियों को भी दिसंबर 2019 से वेतन नही मिला है और न ही सेफ्टी किट इनको दी गई है। स्कूलों, एसडीएम, उपायुक्त कार्यालय व डिस्पेंसरी मे कार्यरत ठेका कर्मचारियों को दो-तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार कोरोना वायरस से लड़ रहे सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। जिससे सभी विभागों के रेगुलर व ठेका कर्मचारियों मे भारी आक्रोश है।