अमानवीय,गहरा षड़यंत्र...!
रविवार सुबह की तमाम खबरों,दूरदराज के मित्रों से बातचीत करने बाद पता चला कुछ निम्न मानसिकता वाले अपराधी किस्म के लोग इस राष्ट्रीय संकट के आपदा काल में माहौल को बिगाड़ने,अफवाहें फ़ैलाने का अमानवीय कृत्य करने में लगे हुए हैं। मेरे ख़्याल से उन्हें परमात्मा भी माफ़ नहीं करेगा। होना तो यह चाहिए था कि हम इंसानियत के नाते किसी को जितना मुमकिन हो सहारा दें लेकिन अपने निहित स्वार्थों के चलते देश का जीवन संकट में डाले यह अपराधी,कुत्सित कार्य कहा जायेगा।
विनम्र निवेदन....
किसी भी दिहाड़ीदार श्रमिक,मजबूर व हालातों से लाचार व्यकि, परिवार को चंद दिनों के लिए घरों से बाहर जाने के लिए रोकें। उनकी भोजन, दवाओं, रहने की व्यवस्था करना जरूरी है। यह केवल उनकी सुरक्षा के लिए ही नहीं हमारा जीवन बचाने के लिए जरूरी है। जो लोग मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं, वे वास्तव में सराहना के पात्र हैं।किसी के जीवन की रक्षा से बड़ा कोई मज़हब, धर्म नहीं हो सकता। यह सोचना मुग़ालता है कि हम तो बचे रहेगें कोई मरता है तो मरे.. कोरोना का संक्रमण जिस तरह का है, वह फैलता है तो धीरे सबको अपनी चपेट में ले सकता हैं। सच्चाई, तथ्यों को समझ कर जनजागरूकता भी समाज, राष्ट्र हित मे आपका बड़ा योगदान होगा...
याद रहे आपातकाल में एक दूसरे को बचाने के लिए पशु पक्षी भी एक हो जाते हैं, हमारी नस्ल तो विवेकशील इंसान की है....