पंचकूलाा श्री पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-सनातन धर्म मंदिर सभा सेक्टर 10 में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास कीर्ति किशोरी जी ने कंस वध और रुकमणि विवाह के बारे में बताया। मंदिर सभा के प्रधान मामचंद, महासचिव एसपी विज, संरक्षक मुंशी राम अरोड़ा, पैटर्न एसके शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान भारत हितैषी, महिला मंडल प्रधान प्रवीण प्रवेश ने आये हुये मेहमानों का स्वागत किया। कीर्ति किशोरी ने बताया कि कंस अपनी बहन देवकी के विवाह के उपरान्त, उन्हे रथ मे बिठा कर विदा कर रहे थे उसी समय आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। इसलिये उसने देवकी और उनके पति वसुदेव को कारागार मे डाल दिया। कीर्ति किशोरी ने बताया कि कंस ने माता देवकी के छ: पुत्रों को मार डाला। बलराम इनकी सातवीं सन्तान थे। हालांकि आठवें पुत्र भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण को गोकुल ले जाया गया, जहां उन्हें ग्वाला के मुखिया नंदा की देखभाल में पाला गया था। कंस ने कृष्ण को मारने के लिए कई राक्षसों को भेजा, जिनमें से सभी का कृष्ण द्वारा वध कर दिया गया। अंत में, कृष्ण अक्रूर जी के साथ मथुरा पहुँचते हैं और अपने मामा कंस का वध करते हैं तथा अपने माता पिता को कारावास से मुक्त कराया गया। कंस वध के बाद भी भगवान ने कई लीलाएं की जो जीवों को मोक्ष देने के लिए हितकारी हैं।
कथाव्यास ने कहा कि मानव जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, पर प्रत्येक परिस्थितियों में सामान्य रूप से जीवन व्यतीत करना चाहिए। सुख दुख अस्थायी होते हैं। चिर आनन्द भगवान की भक्ति से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि जो भक्त भगवान के प्रति समर्पित होते हैं उनकी भगवान स्वयं चिंता करते हैं। भक्तों का जीवन सदैव सुखमय रहता है। इस अवसर पर सनातन धर्म मंदिर सभा सेक्टर 10 पंचकूला के प्रधान मामचंद मुख्य संरक्षक बाऊ दलजीत सिंह, संरक्षक मुंशी राम अरोड़ा, एसके शर्मा, एसएस सैनी, आरएल सेतिया, महासचिव एस पी विज, वरिष्ठ उपप्रधान भारत हितैषी, आचार्य रामानुज शर्मा, पूर्व महासचिव केके कत्याल, भुवनेश लाटवा, एसआर जोहर, सतीश गोयल, जेआर सिंगला, सुभाष शर्मा, धर्मशाला इंचार्ज प्रेम लाल गुप्ता, कोषाध्यक्ष विशाल शर्मा, सह कोषाध्यक्ष जी डी बत्रा, पैटर्न जीडी गौतम, पूर्व महासचिव राजकुमार शर्मा, महिला मंडल प्रधान प्रवीण प्रवेश, आभा गुप्ता, सत्या गौतम, रघुवीरी, आशा, संतोष, वनीता भी उपस्थित थीं।