पंचकूला, 11 फरवरी- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान में पूर्ण एवं समान पहुंच, भागीदारी हासिल करने के लिए एवं लैंगिक समानता के लिए महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र सभा ने 22 दिसंबर 2015 को 11 फरवरी को “विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस” घोषित किया। विज्ञान में महिलाओं एवं लड़कियों के योगदान को उल्लेखित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी विभाग हरियाणा ने “विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस” विषय पर दिनांक 11 फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन राजकीय महिला महाविद्यालय, सैक्टर-14, पंचकुला में किया। जिसमें दो महिला वैज्ञानिक नामतः डा0 कीया धर्मवीर, सेवानिवृत प्रौ0 भौतिकी, पंजाब विष्वविद्यालय, चण्डीगढ़ एवं डा0 तमन्ना सेहरावत, सहायक प्रौ0 बायो इनफारमेटिक्स, पंजाब विष्वविद्यालय, चण्डीगढ़ ने इस दिवस के महत्व पर प्रकाष डाला तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को नई उचाईयों पर ले जाने बारे महिलाओं की भूमिका के बारे में बताया।
डा0 कीया धर्मवीर ने नैनो टैक्नालाॅजी के मैडिकल के क्षेत्र व अन्य क्षेत्रों में वर्तमान तथा भविष्य के प्रयोगों के बारे में बताया। डा0 तमन्ना सेहरावत ने बायोलाॅजी एण्ड बायो इनफारमेटिक्स के महत्व के बारे में बताया तथा उन्होनें यह भी रेखांकित किया की कम्पयूटेषन बायोलाॅजी की सहायता से दवाईयों की खोज पर होने वाले खर्च को घटाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के 300 से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया।
डा0 प्रवीण कुमार, आई.ए.एस, महानिदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, हरियाणा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होनें छात्रों को उच्च षिक्षा सांईंस विषयों में ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया तथा पढ़ाई के साथ-साथ अपने शरीर एवं दिमाग को भी स्वस्थ रखने का आहवान किया। डा0 प्रवीण कुमार ने विभाग के उद्वेष्यों एवं विभाग द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे विभिन्न विज्ञान लोकप्रिय कार्यक्रम जैसेः- बाल विज्ञान कांग्रेस, विज्ञान निबन्ध लेखन प्रतियोगिता, साईस प्रष्नोत्तरी प्रतियोगिता, विज्ञान सम्मेलन, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन, राष्ट्रीय गणित दिवस का आयोजन, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन, विज्ञान क्लबों की स्थापना इत्यादि के बारे में बताया। इसके अतिरिक्त विज्ञान षिक्षा को बढ़ावा देने बारे छात्रवृति स्कीम जैसेः- हरियाणा विज्ञान प्रतिभा खोज स्कीम, विज्ञान को बढ़ावा दने बारे छात्रवृति योजना, एच.एस.सी.एस.टी फैलोषिप स्कीमों के बारे में भी विस्तार से बताया। जिसके अन्र्तगत मेघावी छात्रों को विज्ञान षिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्रवृति प्रदान की जाती है।
उन्होने यह भी बताया कि विभाग द्वारा अम्बाला में लगभग 30.00 करोड़ रूपये की लागत से आर्यभट विज्ञान केन्द्र की स्थापना राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद्, कोलकता के माध्यम से करवाने की प्रक्रिया जारी है तथा गुरूग्राम में सांईस सिटी की स्थापना प्रस्तावित है।