बिना गर्दन की लाश मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की पुलिसियां कहानी ने खडे किए सवाल
-पांच दिनों के सघन सर्च अभियान में नहीं मिली गर्दन और अब लाश से कुछ दूरी पर दिखाई बरामद
नारनौल, :- -- गत दो फरवरी को नारनौल के सिंघाना रोड पर एक जिम संचालक की बिना गर्दन के मिली लाश के मामले में नारनौल पुलिस ने शुक्रवार को पांच युवकों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इस सनसनीखेज और जघन्य घटना के आरोपियों का खुलासा होने के बावजूद पुलिस के आला अधिकारियों ने मीडिया से रूबरू होने की बजाय प्रेस पुलिस के व्हाटसग्रुप पर प्रेस नोट व आरोपियों की फोटो डालकर मामले में इतिश्री कर ली। सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा लाश की गर्दन बरामद करने की पुलिस की तरफ से प्रेस नोट में जो पुलिसियां कहानी लिखी गई है वो अपने आप में ही सवाल बन गई है।
नारनौल के नजदीकी गांव बसीरपुर निवासी जिम संचालक अंकित की बिना गर्दन की लाश मिलने पर गत दो फरवरी को पुलिस व ग्रामीणों ने घटना स्थल पर गहन सर्च अभियान चलाकर लाश की गर्दन की तलाश की थी। काफी खोजबीन के बाद भी गर्दन नहीं मिली तो अंकित का दाह संस्कार बिना गर्दन के ही कर दिया गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने शहर के महाबीर चौक पर जाम लगाकर पुलिस प्रशासन से लाश की गर्दन बरामद करवाने की मांग की थी। पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके पर जाकर ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के जंगलों में भी सर्च अभियान चलाया हुआ है, शीघ्र ही गर्दन बरामद कर ली जाएगी।
सूत्रों के अनुसार नारनौल में पहली बार घटी इस तरह की जघन्य घटना को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया। सूत्रों के अनुसार सरकार ने अपने स्तर पर नारनौल से संबंध रखने वाले भाजपा के चार प्रदेश स्तरीय नेताओं से इस मामले की फीडबैक ली गई बताई। मामले को लेकर बुधवार को हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन गोबिंद भारद्वाज, भाजपा के प्रदेश सचिव मनीष मित्तल, प्रदेश सहप्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री व विजय सांगवान ने इस मामले में एसपी दीपक सहारण से मुलाकात करके घटना की फीडबैक ली। बकौल उपरोक्त सूत्र इन भाजपा नेताओं को यह बताया गया था कि इस हत्याकांड में तीन युवकों को राउंडअप किया गया है और मामला शराब पीने के बाद बिगड़ा है। इन नेताओं को गर्दन के बारे में फीडबैक यही दिया गया था कि राउंडअप किए गए युवकों ने यह स्वीकारा है कि उन्होंने अंकित की गर्दन पर चाकुओं से वार करके छोड़ दिया था ना कि गर्दन काटी है। पुलिस सूत्रों ने यह भी कहा था कि यदि आरोपियों की माने तो हो सकता है कि गर्दन कोई जंगली जानवर खा गया होगा, क्योंकि वहां मृतक की गर्दन के बाल भी नोंचे हुए पड़े मिले थे।
अब पुलिस की यह पटकथा इसलिए अनुतरित सवाल खडे कर रही है कि इस तरह के घिनौने कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मीडिया से रूबरू होने से क्यों बच रहे हैं। दूसरा क्या महज शराब पीकर हुए झगड़े में किसी की गर्दन तक काटी जा सकती है और जो गर्दन सैंकडो ग्रामीणों को ढूंढने तथा पुलिस को पांच दिन का सघन सर्च अभियान चलाने पर नहीं मिलती है, वो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लाश के आसपास ही झाडिय़ों में कैसे मिल जाती है। यह तो भविष्य के गर्भ में ही आखिर इस घटना की सच्चाई क्या है लेकिन फिलहाल पुलिस द्वारा प्रेस नोट में जारी की गई पटकथा किसी के गले नहीं उतर रही है।