चंडीगढ़- -अग्रजन पत्रिका---हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के सभी 90 विधानसभाओं को विकास कार्यों के लिए 5-5 करोड़ की विशेष ग्रांट देने का ऐलान किया था। इसके लिए सभी विधायकों से अपने – अपने हल्कों में होने वाले विकास कार्यों की सूची तैयार करके उसका एस्टीमेट देने के लिए कहा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह ऐलान विधायक को हर साल मिलने वाले 2 करोड़ की राशी से अलग था।
लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी विकास के कार्यों का एस्टीमेट देने का काम 90 में से केवल 16 विधायको ने किया है। कुल मिलाकर इस पैसे से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में विकास के काम होने थे।
इन विधायकों ने भेजा है अभी तक एस्टीमेट-
अंबाला शहर से असीम गोयल, नारायणगढ़ से सैली चौधरी, भिवानी बवानी खेड़ा से बिशंबर वाल्मिकी, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, किरण चौधरी तोशाम से, बाढड़ा से नैना चौटाला, फरीदाबाद एनआईटी से नीरज शर्मा, फतेहाबाद से दूड़ाराम, हिसार उचाना से अनुप धानक, आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई, बरवाला से जोगीराम सिहाग,रेवाड़ी से चिरंजीव राव, यमुनानगर जगाधरी से कंवरपाल, बिसनलाल, साढोरा रेणुबाला की ओर से एस्टीमेट भजा गए हैं।
बता दें की यह एस्टीमेट भेजने की समयसीमा 31 जनवरी,2020 थी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इस योजना की विपक्ष ने विरोध भी किया थी, दरअसल विपक्ष इस अनुदान की कमान अपने हाथों में चाहता था। विपक्ष का कहना था कि यह राशी अनुदान के तौर पर विधायक के पास होनी चाहिए, जिस पर विधायक का विशेषाधिकार हो।