अम्बाला, 6 फरवरी:-अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 फरवरी 2020 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जायेगा। इस अभियान के दौरान 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि नाशक गोली के सेवन हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज व अन्य सहयोगी विभागों/गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता गतिविधियां की जा रही हैं ताकि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाया जा सके व बच्चों को मानसिक व शारीरिक तौर पर स्वस्थ बनाया जा सके। इस अभियान के तहत जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों, आंगनवाडी केंद्र, निर्माणधीन भवनों, ढाबे-होटलस इत्यादि पर कुल 3,14,000 बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जायेगी।
उप सिविल सर्जन स्कूल हैल्थ डा. बेला शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में पेट के कीड़े समाप्त करने के लिए वर्ष में 2 बार कृमि मुक्ति अभियान चलाया जाता है जो कि फरवरी व अगस्त में होता है। यह गोली भरपेट खाना खाने के बाद सेवन करने से ही अधिक लाभ होता है इसलिए खाली पेट गोली न खाने की सलाह दी जाती है। यदि बच्चा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान बीमार हो या अन्य किसी कारण से छुट गया हो तो यह गोली 17 फरवरी को मोप अप डे वाले दिन खिलाई जायेगी। कृमि संक्रमण का बच्चों की सेहत पर गहरा असर पड़ता है जिससे खून की कमी, भूख न लगना, कमजोरी और बेचैनी, पेट में दर्द, उल्टी और दस्त, वजन में कमी आना आदि रोग हो सकते हैं। इसलिए बच्चों में कृमि नियंत्रण से इन रोगों से मुक्ति पायी जा सकती है। 1 से 2 वर्ष की आयु के बच्चों को आधी गोली पीसकर चम्मच के साथ पानी में मिलाकर पिलाई जाती है। 2 से 3 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली पीसकर चम्मच के साथ पानी में मिलाकर पिलाई जाती है। 3 से 19 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली चबाकर खाने की सलाह दी जाती है। अत: सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को आगंनवाड़ी केन्द्रो, सभी निजि व सरकारी स्कूलों में कृमिनाशक गोली एलबैंडाजोल खिलाने के लिए प्रेरित करें ताकि बच्चों को शारिरिक व मानसिक तौर पर स्वस्थ बनाया जा सके।